बिहार सरकार ने वैक्सीनेशन के आंकड़ों में जो खेल किया है, उससे पर्दा उठ गया है। सरकार के वैक्सीनेशन के आंकड़े CoWin पोर्टल से मैच नहीं कर रहे हैं। यह खुलासा पश्चिम चंपारण के सिविल सर्जन और जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी के पत्र से हुआ है। गूगल शीट और पोर्टल के बीच डेटा की बड़ी खाई है।
पश्चिम चंपारण में 6 माह के दौरान वैक्सीनेशन में 17 हजार डेटा का बड़ा गैप सामने आया है। इस बीच स्वास्थ्य विभाग ने 22 जून से वैक्सीनेशन का डेटा जारी करना भी बंद कर दिया है। इससे गड़बड़ी का सवाल और पुख्ता हो गया। पश्चिम चंपारण का मामला तो महज बानगी है। हर जिले में गड़बड़ी के मामले चर्चा में हैं।
सिविल सर्जन का पत्र कर रहा फर्जीवाड़े का खुलासा
सिविल सर्जन का यह पत्र दैनिक भास्कर के पास है। 26 जून को सिविल सर्जन कार्यालय से जारी पत्रांक संख्या 1372 में जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी और प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधकों से गूगल शीट और CoWin पोर्टल में डेटा के बड़े गैप पर सवाल किया है।
16 जनवरी से चल रहा है बड़ा खेल
सिविल सर्जन ने जारी पत्र में कहा है कि कोरोना के टीकाकरण में गूगल शीट कवरेज एंट्री और CoWin पोर्टल कवरेज एंट्री में बड़ा फर्क है। यह गड़बड़ी 16 जनवरी 2021 से 25 जून 2021 तक राज्य स्तर से प्राप्त प्रतिवेदन के अवलोकन के बाद सामने आई है। इस दौरान पश्चिम चंपारण में 18 स्वास्थ्य केंद्रों में गूगल शीट पर 4,51,189 लोगों का टीकाकरण किया गया है, जबकि CoWin पोर्टल पर 4,33,516 का डेटा दर्ज है। लगभग 6 माह में 17,673 लोगों के डेटा का बड़ा गैप है। कहीं गूगल शीट पर आंकड़े अधिक हैं तो कहीं पोर्टल पर अधिक हैं।

अफसरों ने दिया 30 जून का अल्टीमेटम
स्वास्थ्य केंद्रों को निर्देश दिया गया है कि पत्र प्राप्ति के साथ ही 29 जून तक अंतर को दूर करते हुए सभी वंचित लाभार्थियों का डेटा CoWin पोर्टल पर अपडेट किया जाए। साथ ही अपने स्तर से 30 जून की दोपहर 11 बजे तक एक प्रमाण पत्र जिला मुख्यालय को उपलब्ध कराने को कहा गया है।
भास्कर ने पहले किया था एक्सपोज
डेटा में बड़े गैप को लेकर दैनिक भास्कर ने पहले ही बड़ा एक्सपोज किया था। सरकार की तरफ से जारी हर दिन के कुल आंकड़ों में बड़ा गैप था। मामले के एक्सपोज के बाद ही सरकार ने डेटा देना बंद कर दिया। फिर 18 जून को नया डेटा जारी किया, जिसमें बताया था कि जिलों से डेटा शाम 6 बजे तक नहीं आने के कारण ऐसा हो रहा था।
स्वास्थ्य विभाग ने यह स्पष्ट किया था कि 19 जून से एक दिन पहले का पूरा अपडेट डेटा जारी किया जाएगा, लेकिन विभाग अपने इस वादे पर भी खरा नहीं उतरा। 22 जून के बाद से डेटा जारी करना पूरी तरह बंद कर दिया गया। विभाग का पहले 24 घंटे का समय मांगना और अब पूरी तरह से डेटा जारी करना बंद कर देना, कई सवाल खड़े कर रहा है।
सरकार से भास्कर के 5 सवाल
CoWin पोर्टल की व्यवस्था है तो गूगल शीट क्यों बनाना पड़ा?
क्या CoWin पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के बिना ही वैक्सीनेशन किया जा रहा है?
गूगल शीट की व्यवस्था किन परिस्थितियाें में की गई?
जब गूगल शीट ऑनलाइन होता है, तो मामला पकड़ में क्यों नहीं आया?
अब एक जुलाई से फिर गूगल शीट को हटाकर CoWin पोर्टल की व्यवस्था क्यों लाई जा रही?
भास्कर ने किया एक्सपोज तो अब गूगल शीट खत्म करने की तैयारी
दैनिक भास्कर ने 17 जून को वैक्सीनेशन के फर्जी आंकड़ों को एक्सपोज किया था। पड़ताल में यह खुलासा किया था कि जून के 17 दिनों में 8.93 लाख गलत डेटा जोड़ा, ताकि टीकाकरण की रफ्तार ज्यादा दिखे। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने भी बिहार को ऐसे ही आंकड़ों के सहारे एक दिन में सबसे अधिक टीकाकरण का दावा किया था। भास्कर ने मंत्री के इस दावे को भी एक्सपोज किया था।
अब 1 जुलाई से सिर्फ कोविन पोर्टल पर ही रजिस्ट्रेशन का निर्णय लिया गया है। अब गूगल शीट पर रजिस्ट्रेशन नहीं किया जाएगा, सीधा CoWin पोर्टल पर ही रजिस्ट्रेशन कर डेटा जारी किया जाएगा।
Source:- dainik bhaskar
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